
पटना। शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए शिक्षक नियोजन का छठा चरण चलाने के बाद भी कई पद खाली रह गए। रिपोर्ट के अनुसार पटना जिला में प्रखंड स्तर पर 1128 सीटों के लिए नियोजन किया जाना था। लेकिन महज 313 पदों पर ही शिक्षकों का चयन हो सका, बाकी के 815 सीटें खाली रह गई। विभाग द्वारा काउंसलिंग के लिए किये गए तमाम प्रयासों के बाद भी अभ्यर्थी नियोजन (Teachers posts are vacant) के लिए नहीं पहुंचे। बताया जाता है, की तीन दिनों के लिए काउंसलिंग का योजन किया गया था। काउंसलिंग के लिए कुल 554 अभ्यर्थियों को बुलाया गया था, लेकिन इनमे से मात्र 6 अभ्यर्थी ही काउंसलिंग के लिए पहुंचे। कम अभ्यर्थी पहुँचने की सबसे बड़ी वजह ये है, की जहाँ शिक्षकों का नियोजन जिन विषय के लिए किया जाना है, उस विषय के लिए अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं है।
Teachers posts are vacant
विभाग द्वारा 24 जनवरी को 11 प्रखंडों के 561 रिक्त पदों के लिए काउंसलिंग का आयोजन किया गया था। इसमें 3552 अभ्यर्थियों को बुलाया गया था, लेकिन 168 अभ्यर्थी ही काउंसलिंग के लिए पहुंचे। जिनमे से 46 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। इसके बाद 25 जनवरी को 561 सीटों के लिए काउंसिलिंग आयोजित हुई। इसमें 46,512 अभ्यर्थियों को उपस्थित होना था लेकिन मात्र 637 अभ्यर्थी ही उपस्थित हुए। इनमे से 266 अभ्यर्थियों का चयन किया गया।
Teachers posts are vacant
पटना जिला शिक्षा कार्यालय के मुताबिक़ 28 जनवरी को ग्राम पंचायत शिक्षकों का नियोजन किया जाएगा। इसमें 14 प्रखंड के ग्राम पंचायत शामिल होंगे। इसके लिए पंचायत स्तर पर काउंसलिंग सेंटर बनाये गए हैं। 261 सीटों के लिए काउंसलिंग की जायेगी। सबसे ज्यादा धनरूआ प्रखंड के लिए 16 रिक्त पद हैं।
Teachers posts are vacant
काउंसलिंग में बेहद कम संख्या में अभ्यर्थियों के पहुँचने की सबसे बड़ी वजह ये हैं, की यह काउंसलिंग 2011 से 2017 के अभ्यर्थियों की लिए यह काउंसलिंग चल रही है। इस दौरान ज़्यादातर अभ्यर्थियों का कहीं न कहीं नियोजन हो गया, या फिर वो किसी और नौकरी में चले गए। इसके अलावा जिन विषयों के लिए भर्ती किया जाना है, उन विषयों के अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं है।
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